PM Vishwakarma Yojana 2024 (प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना) भारत के गाँवों और छोटे कस्बों में अनगिनत कारीगर, शिल्पकार, और पारंपरिक हस्तशिल्प से जुड़े लोग हैं, जो अपनी मेहनत और हुनर से समाज की आधारशिला को मजबूत बनाते हैं। इनकी कला और कारीगरी ने सदियों से भारतीय संस्कृति को सजीव रखा है। हमारे प्रधानमंत्री जी श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई PM विश्वकर्मा योजना ने इनके हुनर को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है। यह योजना इन कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने, उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और उनके हुनर को नया आयाम देने के लिए समर्पित है।
इस लेख में हम PM Vishwakarma Yojana टूलकिट वितरण के बारे में विस्तृत से जानेगे।
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PM विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य
PM विश्वकर्मा योजना का प्रमुख उद्देश्य उन पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों की मदद करना है, जो बिना किसी बड़े साधन या तकनीकी सहारे के ही अपनी कला को जीवित रखे हुए हैं। इस योजना के तहत उन्हें वित्तीय सहायता, ट्रेनिंग, और आधुनिक उपकरणों तक पहुंच उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि वे अपने उत्पादों को बेहतर गुणवत्ता में बना सकें और अपना कारोबार और आय के स्त्रोत बढ़ा सकें।
पीएम विश्वकर्मा योजना 15,000 रुपये क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2024 में मोदी जी द्वारा कारीगरों को 15,000 रुपये की आर्थिक मदद टूल्स किट (औजार) खरीदने के लिए दिए जा रहे हैं। या राशि लाभार्थी को ई-वाउचर के माध्यम से प्राप्त होगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना में कौन-कौन से व्यवसाय आते हैं?
PM Vishwakarma Yojana 2024 (प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना) के अंतर्गत कई पारंपरिक और ग्रामीण उद्योगों को शामिल किया गया है, जैसे :
- लोहार (Blacksmith)
- कुम्हार (Potter)
- बढ़ई (Carpenter)
- बुनकर (Weaver)
- सुनार (Goldsmith)
- हस्तशिल्पी (Handicraftsman)
- धोबी (Washerman)
- नाई (Barber)
- खिलौने निर्माता (Toy Maker) आदि।
पीएम विश्वकर्मा योजना में टूलकिट क्या है?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2024 में सरकार के द्वारा कारीगरों को उनके काम को बेहतर और आसान बनाने के लिए टूलकिट वितरण करने का प्रावधान है। यह टूल किट बढ़ई, लोहार, सोनार, राजमिस्त्री, जूते बनाने वाले आदि कारीगरों के लिए मददगार साबित होने वाला है।
इस टूलकिट का उद्देश्य कारीगरों के काम में उत्पादक क्षमता बढ़ाना और आधुनिक उपकरणों के उपयोग से काम में सुगमता और तेजी लाना है, ताकि वे बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद जल्दी और ज्यादा क्षमता के साथ बना सकें और अपने व्यवसाय को एक नई उड़ान दें।
यह टूलकिट आधुनिक औजार है जी कारीगरों के काम को और भी आसान बना देते है, टूलकिट को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है जो कारीगर को बेहतर दक्षता के साथ सुरक्षित कार्य पद्धति विकसित करने में मदद करेगा । ये उपकरण आधुनिक युग के कार्यों के अनुरूप हैं, जो कार्य को सुगम और बेहतर परिणाम प्रदान करते हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत टूलकिट प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को ई-वाउचर के माध्यम से 15,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि उनके कौशल प्रशिक्षण के प्रारंभिक चरण में दी जाती है ताकि वे आवश्यक उपकरण खरीद कर ट्रेनिंग में उपकरण का उपयोग के बारे में बेहतर तरीके से सीख पायें।
PM विश्वकर्मा योजना के मुख्य लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को प्राप्त होने वाले प्रमुख लाभ निम्नलिखित है –
1- प्रमाण पत्र और सम्मान
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को उनके काम की पहचान दी जाती है। ट्रेंनिंग पूरी होने के बाद उन्हें “प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाणपत्र” और विशेष आईडी कार्ड भी प्रदान किया जाता है। यह प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड उन्हें समाज में उनके काम के लिए विशेष पहचान बनाने में मदद करता है।
2- आधुनिक टूलकिट/औजार की सुविधा
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को ट्रेनिंग शुरु होने के पहले चरण में टूलकिट वितरित किया जाता है। जिससे वे अपनी कला को और भी बेहतरीन बना सकें। यह उनकी उत्पादक क्षमता को बढ़ाएगा और बाजार में उनके उत्पाद की मांग भी बढ़ाएगा, जिससे उनके व्यसाय में तरक्की होगी।
3- ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों के कौशल को और निखारने के लिए विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इसके अलावा, उन्हें नए-नए डिज़ाइनों और आधुनिक तरीकों से परिचित कराया जाएगा, ताकि वे बाजार में खुद को बेहतर तरीके से स्थापित कर सकें।
4- आर्थिक सहायता
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध किया जाता है, जिससे वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें। इस योजना के तहत 3 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध करने के प्रावधान है, यह ऋण दो चरणों में प्रदान किया जायेगा –
पहले चरण में 1 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जायेगा, जिसे 18 महीने में चुकाना होगा। और दुसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जायेगा, जिसे 30 महीने में चुकाना होगा। इस ऋण पर ब्याज दर केवल 5% रहेगी।
5- हेल्पडेस्क
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत ट्रेंनिंग और प्रमाणपत्र प्राप्त कारीगरों को उनके उत्पादों की मार्केटिंग में या अन्य किसी विषय पर मदद के लिए सरकार द्वारा हेल्पडेस्क बनाई गई है जो आपकी मदद करेगी। इसके अलावा उत्पाद गुणवत्ता प्रमाणीकरण, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे- जेम पोर्टल पर ऑनबोर्डिंग आदि में सहायता मिलेगी ।
विश्वकर्मा योजना की ट्रेनिंग कब होगी?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत आयोजित होने वाली ट्रेंनिंग देश के कई राज्यों में अलग-अलग समय में हो चुकी है और शेष जगह पर लगातार चल रही है इससे सम्बंधित जानकारी के लिए नियमित रूप से आफिसियल पोर्टल चेक करते रहें।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना टूल किट कैसे प्राप्त करें?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत टूलकिट हेतु आवेदन की प्रक्रिया को बहुत ही सरल बनाया गया है –
- सबसे पहले इच्छुक व्यक्ति को नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आधार कार्ड बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से अपना आवेदन पत्र भरवाना होगा।
- आवेदन पत्र भरने के बाद लाभार्थी को अपनी ग्राम पंचायत या शहरी स्थानीय निकाय द्वारा आवेदन का सत्यापन करवाना होगा।
- तदोपरांत जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा आपके आवेदन की समीक्षा करने के बाद अंतिम स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
- जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा आपके आवेदन पर स्वीकृति मिलने पर लाभार्थी के पंजीकृत मोबाइल पर मैसेज प्राप्त होगा। जिसके बाद लाभार्थी को ई-वाउचर प्रदान किया जायेगा जिसके माध्यम से वह टूलकिट खरीद सकता है।
योजना का भावनात्मक प्रभाव: हमारी परंपराओं का पुनर्जागरण
यह योजना सिर्फ आर्थिक सुधार का माध्यम नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का पुनर्जागरण भी है। उन कारीगरों के लिए, जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी कला और संस्कृति को जीवित रखा है, उनके लिए यह योजना एक उम्मीद की किरण है। पीएम विश्वकर्मा योजना से न केवल उनके जीवन में सुधार आएगा, बल्कि उनके परिवार और समाज के लिए भी एक सम्मानजनक भविष्य की राह खुलेगी।
निष्कर्ष
पीएम विश्वकर्मा योजना भारत के उन अनमोल कारीगरों और शिल्पकारों के लिए है, जो अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से भारतीय संस्कृति को सहेज रहे हैं। यह योजना उनके हाथों को सिर्फ उपकरण ही नहीं, बल्कि एक पहचान भी देती है। यह कदम भारत सरकार का उन मेहनतकश हाथों को सलाम है, जो हमें हमारी परंपराओं से जोड़े रखते हैं। आइए, हम सभी इस योजना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी फैलाएं और अपने आस-पास के शिल्पकारों और कारीगरों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें। आशा है कि पीएम विश्वकर्मा योजना से हमारे कारीगरों का भविष्य उज्ज्वल होगा और हमारे देश की परंपरागत कला फिर से अपने स्वर्णिम युग में लौटेगी।
हमारा यह लेख आपको कैसा लगा अपना अनुभव अवश्य साझा करें।
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